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भारत सरकार द्वारा प्रायोजित चीफ इंफोर्मेशन ऑफिसर्स के ई गवर्नेंस के प्रशिक्षण कार्यक्रम में पूरे देश के 16 राज्यों से 25 अधिकारी चुने गए थे । इस दौरान मेरे अनुभव यात्रा वृत्तांत के रूप में प्रस्तुत हैं ।
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घटना बहुत पुरानी नहीं है । 16 दिसम्बर 2012 के दिल्ली गैंग रेप की घटना पर सारा देश उद्वेलित था, जगह जगह प्रदर्शन हो रहे थे, वह बहादुर लड़की अंतिम साँसें गिन रही थी तभी आसाराम नामक तथाकथित “संत” इस घटना में भी अपने धंधे की संभावनाएँ तलाशते हुए कह रहे थे ।
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आजकल मैं eGEP (e Governance Executive Programme) के प्रशिक्षण 6 सप्ताह के प्रशिक्षण पर हूँ । पिछले दो सप्ताहों में मैनें इन अधिकारियों की विशेषताओं का अध्ययन किया और उनके व्यक्तित्व को हास-परिहास के लिए कविताओं में पिरोया है ।
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हाल के इतिहास की सबसे गंभीर प्राकृतिक आपदा, गम्भीरतम मानवीय त्रासदी । नीचे से जमीन धंसी तो उपर से पहाड़ टूट पड़ा । इनके साथ था जल प्रलय का तांडव । आधिकारिक रूप से कुछ हजार परन्तु व्यापक विनाश को देखते हुए 10,000 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की आशंका । हजारों परिवार तबाह ।
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मानव का मूल स्वभाव आनंदमय है । उसके सारे कार्य कलाप आनंद की खोज के लिए हैं । वह वही करना चाहता है जिससे उसे आनंद मिले । एक और शब्द है सुख ।
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8 मार्च को दिल्ली की बहादुर बेटी को अमेरिका “अंतर्राष्ट्रीय साहसिक महिला पुरुस्कार” से सम्मानित करने जा रहा है । अमेरिकी राष्ट्रपति की पत्नी अर्थात् अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा तथा विदेश मंत्री जॉन केरी विश्व की अन्य 10 महिलाओं के साथ “निर्भया” को मरणोपरांत यह पुरुस्कार देंगीं ।
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धर्म के बारे में अनेक परिभाषाएँ प्रचलित हैं । अनेक भ्रम मौजूद हैं । हर कोई अपने अपने तरीके से व्याख्या करता है ।
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हम बचपन में एक खेल खेला करते थे । आठ-दस बच्चे एक गोल घेरे में खड़े हो जाते थे और एक बच्चा दूसरे के कान में एक वाक्य या शब्द कहा करता था । दूसरा बच्चा उसे तीसरे के कान में दोहराता था, तीसरा चैथे के और इस तरह क्रम आगे बढ़ता था ।
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इस समय देश में धर्म की बाढ़ आई हुई है । आम धर्मभीरु इस बाढ़ में तिनके की तरह बहा जा रहा है । इस देश के धर्म से जुड़े सारे लोग संत हो गए हैं । संत से कम के संबोधन और अनंत श्री विभूषित होने से कम की उपाधि पर कोई बात करने ही तैयार नहीं है ।
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यह लेख मैनें दिसम्बर 2011 में लिखा था जब रूस में श्रीमद्भगवद्गीता पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक न्यायालय में वाद दायर किया गया था । यह दैनिक भास्कर 25 दिसम्बर 2011 में प्रकाषित भी हुआ था ।