Article
आदर्श जीवन है – कर्म में कुशलता, अपने पुरुषार्थ से परिस्थिति पर पूरा नियंत्रण, आंतरिक शांति, दूसरों के प्रति सहानुभूति और इसके बाद भी परिणाम को लेकर निर्लिप्तता।
Article
श्रद्धा में ज्ञान मिल जाता है तो वह निष्ठा बन जाती है और जब अज्ञान मिल जाता है तो वह कट्टरता बन जाती है। हिन्दू धर्म हमें निष्ठावान बनाता है कट्टर नहीं।
Article
पुराणों में ऐसी सीखें भरी पड़ी है कि भगवान् गर्व को सहन नहीं करते। प्रश्न उठता है आखिर भगवान् को किसी के गर्व या अहंकार से ऐसी दुश्मनी क्यों है ?
Article
सांसारिक जीवन में लक्ष्य अनेक होते हैं परंतु प्रत्येक को पाने का मार्ग एक ही होता है। जबकि अध्यात्म में लक्ष्य तो एक ही होता है, आत्मसाक्षात्कार या मुक्ति, परन्तु उसे पाने के मार्ग अनेक होते हैं ।
Article
यदि विद्यार्थी अपनी युवावस्था में एकबार गीता को पकड़ लेगा तो फिर गीता उसे जीवन भर नहीं छोड़ेगी।